प्रसंग
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लफ़्ज़ों में इज़हार करना चाह रहा था जिन बातों को,
I wanted to express in words those things,
उस जज़्बात के मायने मेरे लिए बड़े ख़ास थे,
The meanings of those emotions were very special to me,
इशारे काफी थे समझाने को,
Gestures were enough to explain,
पर सुनने वो लफ्ज़ तुम वही मेरे साथ थे।
But to hear those words, you were right there with me.
धीमी धीमी बूंदों की बारिश,
The rain of slow droplets,
बरश रही थी नन्ही बूंदे
Tiny droplets were falling,
कर रही थी श्रृंगार तेरा,
Adorning you,
मृगनैनी पलकों के तेरे ।
Your doe-like eyelashes.
चिन्हित करे सौंदर्य को ऐसी सकशियत तेरी,
Such is your personality that marks beauty,
मुख दर्शाती स्वप्नसुंदरी,रंग तेरा सुनेहरा
Your face shows a dream beauty, your color golden
कमल पंखुड़ी से पवित्र तू, मन चुलबुल अति चंचल
Pure as a lotus petal, your mind playful and very fickle,
हर बात में तेरी सोच सही, सलाह भाव अति गहरा ।
In every matter, your thoughts correct, your advice deeply felt.
कैसे मैं पहल, नू शब्दों के जाल संग तेरे, How do I initiate, with the net of words along with you,
जानता हु तेरे दिल का राज़ पर कैसे निकालू तुमसे वो बात I know the secret of your heart but how to bring up that matter with you
तेरे भी नज़रिए में अपने को तौलना बड़ा ज़रूरी था, It was very important to weigh myself in your perspective too,
तुमने जो संकेत दिए, वो भाव नित नृत्य मयूरी था । The signs you gave, those feelings were like a dance of the peacock.
स्वाभाविक विचार सामान,सम्मान था मेरे प्यार को
Natural thoughts were common, respect was there for my love
अत्यंत मतभेद के पार, मुझे मेरा नया संसार स्वीकार था ।।
Beyond great differences, I had accepted my new world.
- आदर्श तिवारी -
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